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कायर / कन्हैया लाल सेठिया
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भाजगी
चमा चाळ‘र
कुचमादी पून
हु‘गी बी‘र
सौरभ रै लारै
भंवरा री भीड़
थाकगी उड़तां‘री पांखां
कोनी लाद्यो फूल
आंथमग्यो सूरज
फिरग्या आडा सूळ
जणां कर‘र भण भणं
कयो डरता
म्हे
कोनी फूलां रा रसिया
म्हे तो हां रात रा बचिया !