भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बेचैनी पल-पल मुझे / तुफ़ैल चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
Gautam rajrishi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:38, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= तुफ़ैल चतुर्वेदी }} {{KKCatGhazal}} <poem>बेचैनी पल-पल मुझमें…)
बेचैनी पल-पल मुझमें
कोई है घायल मुझमें
मेरी ज़ंग है ख़्वाबों से
खुद मेरा मक़तल मुझमें
मुझमें मुझसे कौन ख़फ़ा
रात और दिन हलचल मुझमें
कोंपल-कोंपल रोता है
इक जलता जंगल मुझमें
मैं आकाश का सूनापन
उड़ते हैं बादल मुझमें
ढ़ूँढ़ती है अपनी आवाज़
इक गूँगी कोयल मुझमें
थोड़ा बचकर चल प्यारे
है गहरा इक दलदल मुझमें