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प्रेम भावना / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

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प्रेम भावना
(प्रेम का मार्मिक चित्रण)
प्यार मुझे कोई गीला आँखों से करती।
मेरे ही चिंतन में कोई डूबी रहती,
आती आंगन में बैठी रहती द्वारों पर,
पीली पड़ती ज्योत्सना सी सूनी आहें भर,
छाँह किसी की सदा दृगों में मेरे फिरती,
प्यार मुझे कोई गीली आँखों से करती।
(प्रेम भावना कविता का अंश)