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असह्य धौंस / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

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असह्य धौंस
(नारी स्वातंत्रय की भावना का प्रदर्शन)

मन की मैं करूंगी,
तेरे मैं साथ दोस्त
अब नहीं रहूंगी।
बहती है टोन्स सुन,
सह सकती मैं न मर्द हूँ तेरी धौंस सुन।
(असह्य धौंस कविता का अंश)