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गौतम गाँधी के अनुयायी / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान

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गौतम गाँधी के अनुयायी

चोट पड़े तो ठंढा लोहा
आग उगलता है

वैसे तो हम
गांधी गौतम के
अनुयायी हैं
दान दया के
पथ चलने की
कसमें खायी हैं

पर गांडीव सुरक्षा घर की
अब भी करता है
हमने युग युग से
जग को राहें
दिखलायी हैं
जप तप ज्योतिष
योग कलायें भी
सिखलायी हैं
 
वक्त पड़े तो शंख कृष्ण का
अब भी बजता है

राम नाम के
साधक है हम
हाथ लिये गीता
आंगन में
तुलसी का बिरवा
 घर -घर हैं सीता
लिये गदा हनुमान द्वार
हुंकारें भरता है।