Last modified on 31 मार्च 2011, at 18:37

वर्षा राग-1 / उदय प्रकाश

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:37, 31 मार्च 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बरसे मेघ भरी दोपहर, क्षण भर बूंदें आईं
उमस मिटी धरती की साँसे भीतर तक ठंडाईं
आँखें खोलें बीज उमग कर गगन निहारें
क्या बद्दल तक जा पाएंगे पात हमारे?