भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मकान-3 / श्याम बिहारी श्यामल
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:28, 31 मार्च 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम बिहारी श्यामल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> तिनतरफा …)
तिनतरफा पोर्टिको
ड्राइंगरूम से जुड़ा बेडरूम
अटैच्ड लैट्रिन-बाथरूम
बेहतर लान
रिमझिम-रिमझिम नींद
ओस-सी थकान
बहुत निरोग है मेरा मकान
बंद दरवाज़ा
बंद खिड़कियाँ
न दिखती है जनता
जरा भी नहीं चिन्ता
बड़ा इत्मीनान
संसद है यह मेरा मकान