भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शरद में या वसन्त में / गुन्नार एकिलोफ़
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:17, 1 अप्रैल 2011 का अवतरण
शरद में या वसन्त में
क्या फ़र्क़ पड़ता है?
जवानी में या बुढ़ापे में
इसके क्या मानी?
कुछ भी हो
तुम्हें होना है विलुप्त
विराट की छाया में
तुम लुप्त हुए,
लुप्त तुम
अभी या निमिष पूर्व,
या कि हज़ार साल पहले
लेकिन तुम्हारा लुप्त होना ही
रहता है शेष।