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अमरता / सामुइल मरशाक

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चार साल से लगातार
      मैं अमर रहा हूँ
चार साल से लगातार
      मैं सुखी रहा हूँ
किसी सुहाने दिन
     मुझको मर जाना होगा
            कभी न सोचा
सदा न मुझको रहना होगा
            कभी न जाना

बच्चों जैसा
      सुंदर सुखद बनाना चाहो
            यदि जीवन को
करो नहीं विश्वास मौत का
वह आती है नहीं कभी भी
            वर्तमान में
उसका काल भविष्यत‍ होता
चाहे हो
यह ही आख़िरी साँस तुम्हारा
  
अँग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक