भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चक्की-तंत्र पर अस्वीकृति / प्रमोद कुमार

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:52, 13 अप्रैल 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> पिसा जाना इन्ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

  पिसा जाना
इन्हें पसन्द नहीं,

बीनने, चनुने, फटके
और
धोये-सुखाये जाने का
ये क़दम-क़दम पर
विरोध करतीं हैं ।