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यहु मन सकती यहु मन सीव / गोरखनाथ
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यहु मन सकती यहु मन सीव
यहु मन पांच तत्त का जीव ।
यहु मन लै जै उनमन रहै
तो तीन लोक की वार्ता कहै ।।