Last modified on 20 अप्रैल 2011, at 01:35

चित्र में माँ / नरेन्द्र मोहन

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:35, 20 अप्रैल 2011 का अवतरण

माँ के उरोज़ों के बीच
बहती-लहराती नदी में
डूबता-उतराता रहता था
बचपन में

आज मैं साठ की दहलीज पर हूँ
कई तीखी-गहरी, मदमाती-उफनती नदियाँ
देख चुका हूँ
कई नद, नाले, पहाड़
लाँघ चुका हूँ

आज न माँ है न नदी
चित्र है नदी का और
माँ याद आती है !