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बदलाव / अनिल जनविजय

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जब तक मैं कहता रहा

जीवन की कथा उदास

उबासियाँ आप लेते रहे

बैठे रहे मेरे पास


पर ज्यों ही शुरू किया मैं ने

सत्ता का झूठा यश-गान

सिर-माथे पर मुझे बैठाकर

किया आप ने मेरा मान


(2004 में रचित)