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थैलीशाहों की... / केदारनाथ अग्रवाल

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थैलीशाहों की यह बिल्ली
बड़ी नीच है।
मजदूरों का खाना-दाना,
सब चोरी से खा जाती है।
बेचारे भूखे सोते हैं!!

थैलीशाहों का यह कुत्ता
महादुष्ट है।
मजदूरों की बोटी बोटी,
खून बहाकर खा जाता है।
बेचारे तड़पा करते हैं!!

थैलीशाहों की यह संस्कृति,
महामृत्यु है।
कुत्ता बिल्ली से बढ़कर है।
मानवता को खा जाती है।
बेचारी धरती रोती है!!

रचनाकाल: ०८-०९-१९४९