भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लेखनी धर्म / शैलेश मटियानी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:41, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शैलेश मटियानी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> शांति से रक्ष…)
शांति से
रक्षा न हो,
तो युद्ध में
अनुरक्ति दे
लेखनी का
धर्म है,
युग-सत्य को
अभिव्यक्ति दे !
छंद-भाषा-भावना
माध्यम बने
उद्घोष का
संकटों से
प्राण-पण से
जूझने की शक्ति दे !