भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ईश्वर की मृत्यु / ओएनवी कुरुप

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:37, 25 अप्रैल 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओएनवी कुरुप |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> कल सड़क पर दिखा…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कल सड़क पर दिखाए दिए
भूखे भाई को
एक कौर चावल देने के लिए
मैं अनाज पैदा नहीं कर सका

उसने नग्न शरीर को
ढकने के लिए कपड़ा नहीं दे सका
न रहने के लिए
झोपड़ी बनवा सका

कल आँगन में कोई भीख माँगने आया
तो कोई कपड़ा माँगने
कल मैंने दोनों को भगा दिया

आज उसका अनाथ शव
दूकान के बरामदे में पड़ा है
क्या कल मेरे ईश्वर की मृत्यु हुई

मूल मलयालम से अनुवाद : संतोष अलेक्स