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मैंने उसे खोया नहीं था / नरेश अग्रवाल
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मैंने उसे कभी खोया नहीं था
वह अभी भी मौजूद था
कितनी आसानी से दिखाई देता था
उसका चेहरा
तस्वीर के बीचोंबीच से निकलता हुआ
अफसोस है, उसे मैं कुछ भी दे नहीं सका
उसे कुछ चाहिए भी नहीं था
जो उसे चाहिए था,
वे थे मेरे प्रेम के आँसू
जो अब कितनी आसानी से
झरते है मेरी आँखों से
अफसोस कितनी देर से
पहचान सका था मैं उसे ।