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चित्तौड़ : विहंगावलोकन / विष्णु खरे
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रचनाकारः विष्णु खरे
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संग्रामसिंह का खण्डहर महल की ध्वस्त गुम्बद पर
बैठा गिद्ध
टूरिस्ट गाड़ी को ऊपर आती देखता है
पीछे है युद्ध का सूना मैदान. पीछे है सिंहद्वार जहाँ से चरवाहे
बकरियाँ अन्दर लाते हैं
नीचे चमकती पटरियाँ हैं . नीचे है बिजलीघर और जलघर. नीचे है फैला
सफ़ेद शहर .
नीचे और ऊपर की दूरी के लिए
जिसे तय करने गाड़ी को आधा घण्टा और कुछ ईंधन चाहिए
गुम्बद के गिद्ध की एक उड़ान काफ़ी है .
लेकिन शहर के लोग उसे अपने घरों की छत पर अभी बैठने नहीं देंगे .