भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तलपट / माया मृग

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:48, 23 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=माया मृग |संग्रह=...कि जीवन ठहर न जाए / माया मृग }} {{KKC…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


क्या खोया ?
क्या पाया ?
क्या खोने का डर है,
क्या पाने की चिन्ता है ?
यह तलपट मिलाने का
वक्त नहीं है मित्र,
बस -
आखिरी पृष्ठ पर
हस्ताक्षर करो और चलो
आने वाले, खाते मिलाते रहेंगें,
खोने-पाने का हिसाब
बनाते रहेंगें।