भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

`दहलीज' चित्र-३/रमा द्विवेदी

Kavita Kosh से
Ramadwivedi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:46, 26 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna | रचनाकार=रमा द्विवेदी }} <poem> आधुनिक घरों में , नहीं रही दह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
आधुनिक घरों में ,
नहीं रही दहलीज की परम्परा,
इसलिए न कोई मर्यादाएं हैं ,
न जीवन आचरण के मूल्य,
और नई पीढ़ी दिग्भ्रमित हो,
भटक रही है,
मूल्यहीनता की दिशा में॥