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कैसी होगी तेरी रात परदेस में / इकराम राजस्थानी

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कैसी होगी तेरी रात परदेस में,
चाँद पूछेगा हालात परदेस में।

ख्व़ाब बनकर निगाहों में आ जाएँगे,
हम करेंगे, मुलाकाल परदेस में।

बादलों से कहेंगे कि कर दे वहाँ,
आँसुओं की ये बरसात परदेस में।

रंग चेहरे पे लब पे हँसी दिल को चैन,
कौन देगा ये सौग़ात परदेस में।

तुमको महसूस होती नहीं जो यहाँ,
याद आएगी वो बात परदेस में।

हर क़दम पे नज़र तुमको आएँगे हम,
देखना ये करामात परदेस में।

ज़ेहन की वादियों में सजालो इन्हें,
काम आएँगे जज्ब़ात परदेस में।