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छुट्टी हो / रमेश तैलंग

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छुट्टी हों छ: दि‍न की
एक दि‍न पढ़ाई।
आए फि‍र बड़ा मजा भाई !

टीचर के आते ही
टन-टन घंटी बजे,
काम करो न करो
अपनी मर्जी चले,
देनी न पड़े रोज-रोज ही सफाई।
आए फि‍र बड़ा मजा भाई !

इम्‍तहान में टूटे
नि‍यम फेल करने का,
भूलों के सौ नबंर
जीरो हो रटने का,
नकल पर इनाम मि‍ले,
अकल पर पि‍टाई।
आए फि‍र बड़ा मजा भाई !