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एक कमल मेरे लिए / रमेश तैलंग
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नील कमल फूले फिर ताल में
राजा जी एक कमल मेरे लिए
लाना जी एक कमल मेरे लिए.
एक पंखुरी में भर चांदनी दान करूंगी
एक पंखुरी में भर वारुनी पान करूंगी,
गूंथूंगी केशों के जाल में.
राजा जी एक कमल मेरे लिए
लाना जी एक कमल मेरे लिए.
देखो सौगंध हमारी टूटे न बात,
प्राणों से प्यारे मुझे नीले जलजात,
आना हो इधर कभी साल में.
राजा जी एक कमल मेरे लिए
लाना जी एक कमल मेरे लिए.