भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चित्र:Add poems.png

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
Add_poems.png(160 × 31 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 7 KB, माइम प्रकार: image/png)

कही कोई तो रास्ता कही जो जाता होगा

माना मंजिल पता नहीं कही आइना होगा

युही नहीं थी उसके चहरे पे उदाशी इतनी

जरुर वो कही किसी हादशे से गुजरा होगा

गमो का बोझ उठाये तपती रेत पे चलना

...तुम्ही कहो इससे बड़ा क्या होसला होगा

यक़ीनन में बखुदी में भी पहचान लूँगा तुझे

जब कभी कही मेरा तुझसे सामना होगा

में जेसा भी हू बेअदब बेतमीज ठीक हू

ऊपर वाला मेरा हिसाब भी रखता होगा

माना मंजिल पता नहीं कही आइना होगा
                    अनीता मलिक .

फ़ाइल का इतिहास

फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।

दिनांक/समयअंगूठाकार प्रारूपआकारसदस्यटिप्पणी
सद्य09:51, 27 अगस्त 201009:51, 27 अगस्त 2010 के संस्करण का अंगूठाकार प्रारूप।160 × 31 (7 KB)Firstbot (चर्चा | योगदान)
  • आप इस फ़ाइल को अधिलेखित नहीं कर सकते।

निम्नोक्त पृष्ठ में इस फ़ाइल की कड़ियाँ हैं: