भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्वतन्त्रता / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:04, 12 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विश्वनाथप्रसाद तिवारी |संग्रह=बेहतर दुनिया के…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

स्थिर हैं झरने नदियाँ हिरन
गो संविधान के तहत
उन्हें पूरी है स्वतंत्रता
बहने और चौकड़ी भरने की ।