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उन्हें बेतक़ल्लुफ़ किया चाहता हूँ / गुलाब खंडेलवाल

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उन्हें बेतकल्लुफ किया चाहता हूँ
ये क्या कर रहा हूँ! ये क्या चाहता हूँ!

कभी पूछ भी लो कि क्या चाहता हूँ
तुम्हें चाहने की सजा चाहता हूँ

ज़रा अपने आँचल का साया रो कर लो
दिया हूँ,, हवा से बुझा चाहता हूँ

रहूँ होश में जब ये परदा हटाओ
तुम्ही में तुम्हे देखना चाहता हूँ

गुलाब आज यों बाग़ में कह रहा था
'तुझे मैं भी ऐ बेवफा चाहता हूँ'