भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रीत-20 / विनोद स्वामी
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:42, 15 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विनोद स्वामी |संग्रह= }} Category:मूल राजस्थानी भाषा…)
प्रीत री झीणीं चूंदड़ी में
बगत रा लाग्या है डा’म,
तूं किस्यै ई
अर म्हैं किस्यै ई गाम।