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दूसरे शहर में / प्रयाग शुक्ल

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चाँद चढ़ रहा है

आकाश में--

इस शहर में ।

रिक्शों की घंटियाँ,

भोंपू गाड़ियों के,

तितर-बितर आवाज़ें ।

उठकर अचानक तुम

पकड़ नहीं सकते हो

अमुक अमुक नंबर की बस--

घर के लिए ।


चढ़ रहा है चाँद,

एक दूसरे शहर में ।