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जुग धरम / कन्हैया लाल सेठिया

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सीखग्या
ल्याळी
खाजरू री
बोली,
कोनी करणी पड़ै
अबै भख सारू
घणी
भाग दौड़
आ ज्यासी
मतै ही
चाल‘र
मांद में
भेडां भोळी !