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प्यार यों तो सभीसे मिलता है / गुलाब खंडेलवाल

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पिएगा छकके कोई, कोई घूँट भर को तरसेगा
ये नूर पर तेरे चेहरे से यों ही बरसेगा

गले से लगके नहीं हिचकियाँ रुकेंगी अब
बरसने आया है बादल तो जमके बरसेगा

अभी तो राह में काँटे बिछा रहा है, गुलाब!
कभी ये बाग़ तुझे देखने को तरसेगा