भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
यह शहर किसका है / सुरेश यादव
Kavita Kosh से
डा० जगदीश व्योम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:49, 19 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश यादव }} {{KKCatKavita}} <poem> मन होता जब बहुत उदास कवित…)
मन होता जब
बहुत उदास
कविता पास आ जाती
अनायास
सूझती नहीं राह
अँधेरा बहुत घना होता
कविता जलती है दिए -सी
फैलता प्रकाश
जब होता है