भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बरवै रामायण / तुलसीदास / पृष्ठ 15

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:45, 27 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} Category:लम्बी रचना {{KKPageNavigation |पीछे= ब…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


( बरवै रामायण उत्तरकांण्ड/पृष्ठ-5)

( पद 66 से 69 तक)

तुलसी राम नाम जपु आलस छाँडु।
राम बिमुख कलि काल को भयो न भाँडु।66।

 तुलसी राम नाम सम मित्र न आन।
जो पहुँचाव राम पुर तनु अवसान। 67।

 राम भरोस नाम बल नाम सनेहु।
जनम जनम रघुनंदन तुलसी देहु।68।

जनम जनत जहँ जहँ तनु तुलसिहि देहु।
तहँ तहँ राम निबाहिब नाथ सनेहहु।69।


(इति बरवै रामायण )

अगला भाग >>