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माँ-1 / राजूरंजन प्रसाद

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मेरी कविताओं में अक्सर
पत्नी होती है
या होती है अनाम प्रेमिका
माँ नहीं होती केवल
कैसे कहूं--
चाहता हूं जब भी
शुरू करना तुमसे
कविता दरक जाती है!
(7.6.97)