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धरम / हरीश बी० शर्मा

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तीसै-तपयौड़ै तपसी नैं
जे एक लोटो पाणी
अर घर जैड़ी रोटी
मिळ जावै
.....।
अर अणजाण है तो
नैड़लै मिंदर री दिस
दिखा दी जावै।
धरम रो
ओ ईज मरम है।