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जथारथ (3) / हरीश बी० शर्मा
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चायै बायां रा सारा-बारा
या बहूवां रो हुणियारा,
तीजै दिन झोड़ हुवै है
भाई-भाई लड़ै है
जठै दो बरतण हुसी
अबेसकर बाजसी
आ बात
जथारथ कैवे है।