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नसीब / हरीश बी० शर्मा
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खोटो पईसो
कपूत !
जिको मा-बाप नैं
दुःख देवणो जाणीजै
पण टुरती आतमा
अर चांम तापतै तावड़ै री वेळा
खांध देवण नै
आडो आवै ई है।