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सौरम रो सांच / हरीश बी० शर्मा

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बैंक रै कैसियर रो हाथ
जिकै में
लोग जौवे
ईमान, विसवास अर बाणिको।
सिंझ्या पांच बजी रै बाद
हारयौड़ै जुवारी ज्यूं अणमणो।
बचै है खाली हाथ
घरै आय‘र
लुगाई सूं आस करै
एक कप चाय री
ओ है
सौरम रो,
फूलां री सौरम रो सांच।