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नूंवी हवा (1) / हरीश बी० शर्मा
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बसां रेलां मांय
सफर सूं पैली
सिगरेट रो पाकेट
अर तुळयां री पेटी लेवणी
सावचेती रै नांव
नाड़ नै च्यारूंमेर घुमाय,
निजरां नाप‘र।
सुळगाय सिगरेट
निरांत सूं
सुट्टा खींचणा।