भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरठ-6 / स्वप्निल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:56, 9 अगस्त 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=स्वप्निल श्रीवास्तव |संग्रह=ताख़ पर दियासलाई }} यहाँ ...)
यहाँ से थोड़ी दूर है सरधना
वहाँ चर्च में ठेहुने के बल झुककर
मैं प्रार्थना करना चाहता हूँ
वहाँ एक लड़की के एक लड़के से
प्रेम करने की ख़बर है
मैं उन्हें दंगों से बचाना चाहता हूँ
जो उनके मोहल्ले में
होने वाला है
वह लड़की शहर को दंगे से
बचा सकती है
जैसे उसने इस लड़के को
बचाया है