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एक क्षुद्र आख्यान / श्रीरंग
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इलाहाबाद में
दो नदियां दृश्य हैं
एक अदृश्य
इलाहाबाद में
शहर के सभी नाले
इन्हीं नदियों में मिलते हैं .....
कहते हैं इलाहाबाद में
पहले
तीसरी नदी अदृश्य नहीं थी
गंगा और यमुना
अदृश्य नहीं होगी कभी
यह नहीं कहा जा सकताा .......
फिर भला अदृश्य नदियों के संगम पर
कैसे लगेगा कुम्भ पर्व .......।