उठाए उसने अभिव्यक्ति के खतरे उठाया हमने सिर पर आकाश उधेडी उसने सीवन सी लिए हमने होठ उसने कहा लज्जा ! हमने कहा - खास नहीं उस पर मंडराए बादल हमने खोलीं छतरियां उसने मांगी शरण हमने दी काल-कोठरी वह बुदबुदाती रही कोलकाता कोलकाता फुटनोट चली गई हमारे देश से बाला तली हमारे देश से