भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घर-2 / पूर्ण शर्मा पूरण
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:18, 6 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूर्ण शर्मा पूरण |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} {{KKCatMoolRajasthani}}<poem>म…)
मुच्योड़ी सी देगची
थाळी
बाटकिया
अर पेडै सारै दौ ठीया
औ ई है
.....उण रौ घर।