बलिदान चाहिए / रमा द्विवेदी
मेरे देश को भगवान नहीं,सच्चा इंसान चाहिए,
गांधी-सुभाष जैसा बलिदान चाहिए।
इंसानियत विलख रही इंसान ही के खातिर,
इंसाफ दे सके जो ऎसा सत्यवान चाहिए.....
मेरे देश को भगवान नहीं सच्चा इंसान चाहिए।
बचपन यहां पे देखो बन्धुआ बना हुआ है,
दिला सके जो इनको मुक्ति ऎसा दयावान चाहिए....
मेरे देश को भगवान नहीं सच्चा इंसान चाहिए।
मुखौटों के पीछे क्या है कोई जानता नहीं है,
दिखा सके जो असली चेहरा ऎसा महान चाहिए....
मेरे देश को भगवान नहीं सच्चा इंसान चाहिए।
रोज़ मर रहे हैं यहां कुर्सी के वास्ते,
जो देश के लिए जिए-मरे,ऎसा इक नाम चाहिए....
मेरे देश को भगवान नहीं सच्चा इंसान चाहिए।
सदियों के बाद भी जो इंसां न बन सकी है,
समझ सके जो इनको इंसान,ऎसा कद्र्दान चाहिए...
मेरे देश को भगवान नहीं सच्चा इंसान चाहिए।
मेहनत से नाता टूटा सब यूंही पाना चाहें,
गीतोपदेश वाला कोई श्याम चाहिए...
मेरे देश को भगवान नहीं सच्चा इंसान चाहिए।