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नौजवान आओ रे ! / बालकवि बैरागी

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नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे ।।
लो क़दम बढ़ाओ रे, लो क़दम मिलाओ रे ।।
               ऐ वतन के नौजवान, इक चमन के बागवन ।
               एक साथ बढ़ चलो, मुश्किलों से लड़ चलो ।
इस महान देश को नया बनाओ रे ।।
नौजवान...

               धर्म की दुहाइयाँ, प्रांत की जुदाइयाँ ।
               भाषा की लड़ाइयाँ, पाट दो ये खाइयाँ ।
एक माँ के लाल, एक निशां उठाओ रे ।।
नौजवान...

               एक बनो नेक बनो, ख़ुद की भाग्य रेखा बनो ।
               सर्वोदय के तुम हो लाल, तुमसे यह जग निहाल ।
शांति के लिए जहाँ को तुम जगाओ रे ।।
नौजवान...

               माँ निहारती तुम्हें, माँ पुकारती तुम्हें ।
               श्रम के गीत गाते जाओ, हँसते मुस्कराते जाओ ।
कोटि कण्ठ एकता के गान गाओ रे ।।
नौजवान...