Last modified on 15 सितम्बर 2011, at 12:09

घाटी की लय / नंदकिशोर आचार्य

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:09, 15 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=बारिश में खंडहर / नंदकि…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


झर-झर
झरता है निर्झर
जिस की गूँज वह पट है
जिस पर घाटी की लय बुनी है

मुझ को छाये है घनी छाँह जो
इसी लय की एक मुरकी है।

(1976)