इस बार दिवाली पर
घर को खूब सजाना,
झिलमिल दीपों से दमकाना ,
बस एक दीप सहेज लेना
उस अंधेरी दहलीज़ के लिए
जिसका मासूम चिराग
हाल ही में बुझ गया है .
इस बार दिवाली पर
खूब खुशियां मनाना ,
मिलना और मिलाना ,
बस कुछ पकवान सहेज लेना
उस घर के बच्चों के लिए
जिनका त्योहार भी जूठन पर मनता है.
इस बार दिवाली पर
अपने घर की पूजा के साथ
माँ लक्ष्मी का आह्वान करना ,
हे माँ इस दिवाली पर
उस मजदूर बस्ती में भी जाना ,
जहां गरीबी करती है तांडव ,
चरित्र -संस्कार चढ़ते हैं भेंट भूख की ,
आशा की उजास वहां भी फैलाना ,
माँ , उस बस्ती में भी जाना .