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एक लय में / नंदकिशोर आचार्य
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एक लय में हो रही बरसात।
छत पर सूखने डाले हुए कपड़े
उठाने के लिए आयी हुई लड़की
जल्दी में नहीं है
खुल कर भीगने देती है सारे अंग
बरसात की लय को
अपने में देह करती हुई
(1983)