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मैं कभी गंगा नहीं बनूॅगी / रेखा चमोली
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तुम चाहते हो
मैं बनॅू
गंगा की तरह पवित्र
तुम जब चाहे तब
डाल जाओ उसमें
कूडा-करकट मल अवशिष्ट
धो डालो
अपने
कथित-अकथित पाप
जहॉ चाहे बना बॉध
रोक लो
मेरे प्रवाह को
पर मैं
कभी गंगा नहीं बनॅूगी
मैं बहती रहॅूगी
किसी अनाम नदी की तरह
नहीं करने दूगी तम्हें
अपने जीवन में
अनावश्यक हस्तक्षेप
तुम्हारे कथित-अकथित पापों की
नहीं बनूगी भागीदार
नहीं बनाने दूगी तुम्हें बॉध
अपनी धाराप्रवाह हॅसी पर
मैं कभी गंगा नहीं बनूगी
चाहे कोई मुझे कभी न पूजे।