भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कौन देश माँ ? / रमेश तैलंग

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:53, 26 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तैलंग |संग्रह=उड़न खटोले आ / रमेश तैलंग }} {{KKCat…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चमके चंदा जहाँ तारे हज़ार,
पवनिया बजाती जहाँ पर सितार,
कौन देश माँ, बादलों के पार ?

बिखराता कौन
सुबह होते ही रंग ?
बूँदों की सुनता है
कौन जल-तरंग ?
रोज़-रोज़ किरणों की पालकी उठा,
ढलते ही शाम कहाँ जाते कहार ?

दूध धुली चाँदनी
के ये झरने ।
आते किस नगरी से,
रेशम पहने ?
क्या कोई जादू की फेर कर छड़ी,
दिखलाता है सारे रंग बार-बार ?