भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फादर्स डे / राजेश चड्ढ़ा
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:30, 5 अक्टूबर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= राजेश चड्ढा }} {{KKCatKavita}} <poem>आज अचानक पिता की तस्वीर …)
आज
अचानक
पिता की तस्वीर को देखते हुए
मैंने मां के सामने स्वीकार किया-
कितने दिन बाद
इस तस्वीर को देर तक देखा है-
ऐसा नहीं है कि पिता स्मृति में नहीं रहे !
कभी उन्हें
अपने से अलग रख कर
मैंने सोचा ही कहां !